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Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai' Ending Explained: एक नूर की कहानी

Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai फिल्म की कहानी शुरू होती है 16 साल की लड़की नूर से जो की अपने माता-पिता के साथ दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन जाति है जहां पर पहुंचकर रिपोर्ट लिखवाना चाहती थी की उसका बलात्कार हुआ है और नूर के साथ जो हुआ था यहां पर नूर ने उनको सब कुछ बता दिया था तो बलात्कार के कैसे में सबसे पहले मेडिकल एग्जामिनेशन कराया जाता है इसलिए नूर को उसके फैमिली के साथ मेडिकल एग्जामिनेशन करने के लिए लाया जाता है जहां पर वह बहुत साड़ी मीडिया थी इसलिए नूर का फेस थोप दिया जाता है अब आगे हम इस बाबा को देख पाते हैं जिसके ऊपर ये सारे इल्जाम लगे हुए थे और यहां पर मैं आपको दोस्तों बता दोस्तो ये कहानी दरअसल में आसाराम बापू की कहानी है पुलिस वाले उसकी तरफ बस पहुंचने ही वाले थे और फिर थोड़ी देर के बाद पुलिस वाले पहुंचकर बाबा को गिरफ्तार कर लेते हैं इसी बाबा ने नूर के साथ गलत किया है सीन में हम देखते हैं पीसी सोलंकी और फिर पूनम चंद सोलंकी को जो की एक ऑर्डिनरी वकील है और एक सीधा सदा इंसान भी और उसके घर में उसकी मां के साथ उसका एक बेटा राहता है 

Sirf Ek Banda Kafi Ha image
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तो अब हम बाबा को कोर्ट जाते हुए देख पाते हैं और यहां पर हम यह भी देख पाते हैं की बाबा की फैन फॉलोइंग बहुत ज्यादा है क्योंकि बाबा के बहुत सारे भक्ति हैं और उनके काले कारनामा के बड़े में इन्हें कुछ भी नहीं मालूम वो अदालत में यहां पर जज साहब बाबा को बता रहे होते हैं की उसके ऊपर कितने सारे जुर्म लगे हुए लेकिन यहां पर बाबा उनसे कहता है की वो निर्दोष है और उसने कुछ भी नहीं किया है और यहां पर बाबा को जो वकील होता है वो बस ये चाहता है की किसी तरह से बाबा को रिहाई मिल जाए उन्हें बस बेल चाहिए थी और बेल अपने के चक्कर में वो अपनी पुरी ताकत लगा देते हैं और यहां पर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर जो होता है वो यहां पर जो सबसे 15 दिन की पुलिस कस्टडी मांगता है जो की उन्हें मिल भी जाति है तब बाबा को 15 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया जाता है आगे हम देखते हैं की बाबा का बेटा शर्मा जी के पास कल करता है जो की बाबा का वकील होता है यहां पर शर्मा जी उसे कहते हैं की उसे सिर्फ 15 दिन चाहिए उसके बाद उन्हें बेल मिल जाएगी शर्मा जी को यह सब बहुत आसन ग रहा था जो की इतना आसन बिल्कुल भी नहीं था आगे हम पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के वकील मतलब की लड़की के वकील को देख पाते हैं जो की लड़की के माता-पिता से मिलने के लिए आता है


वो यहां पर नूर के पिता से उनसे कहता है की वो जल्द ही तुम्हे इंसाफ दिलाएगा और बाबा को एक लंबी जेल भी दिलवाए गए ये सब कहने के बाद वकील यहां से चला जाता है जैसे वो बाहर जाता है उसके पास एक कॉल आता है और यहां पर हमें मालूम चला है की दरअसल में यह वकील बाबा मेरे साथ मिल गया है और उसने उनके साथ करोड़ की डील भी कर ली है तभी हम देखते हैं की वकील ने अपनी गाड़ी की चाबी जो है वो नूर के घर पर ही भूल आया था ये देखकर नूर के पिता तुरंत ही वकील को गाड़ी की चाबी वापस करने के लिए जाते हैं लेकिन तभी वो ये साड़ी बातें सुन लेते हैं और उन्हें समझ ए जाता है की ये वकील गद्दार है तब वो तुरंत ही पुलिस स्टेशन जाते हैं और यहां पर ऑफीसरों को साड़ी बातें बताते हैं तब वो ऑफिसर इन लोगों को एक नाम सजेस्ट करते हैं और वो नाम होता है दरअसल में पीसी सोलंकी का वह तुरंत ही पीसी सोलंकी से मिलने के लिए पहुंच जाते हैं क्योंकि पुलिस ऑफीसरों के हिसाब से पीसी सोलंकी ही इस कैसे को हैंडल कर सकता है क्योंकि वह बहुत ज्यादा ईमानदार है वो यहां पर उनसे बातें करता है और नूर ने अपने चेहरे को कर किया हुआ था तो यहां पर सोलंकी उससे कहता है की वो अपने फेस के कब्र को हटा शक्ति है कोई भी प्रॉब्लम नहीं होगी अब नूर के पिता सोलंकी को बताने लगता हैं


की आखिर वहां क्या हुआ था तब नूर के पिता यहां पर सोलंकी को बताते हैं की नूर जो है वो बाबा के ही स्कूल में पढ़ा करती थी और उन्हें के हॉस्टल में रहा करती थी लेकिन एक दिन अचानक से नूर के पेट में दर्द था तब ऑर्डर ने तुरंत ही मेरे पास कल किया था मैं तुरंत ही वहां पहुंच गया था बॉर्डर ने मुझे बताया था की नूर के ऊपर भूत प्रेत का सैया है इसलिए उसे बाबा के पास ले जाना चाहिए उनकी यह बात सुनने के बाद वो तुरंत ही दिल्ली पहुंच गए थे बाबा के पास लेकिन आश्रम में उन्हें पता चला की बाबा तो जोधपुर गए हुए हैं यह सुनने के बाद वो तुरंत जोधपुर चले जाते हैं जहां पर बाबा के दरबार में देर सारे लोग थे वो लोग बाबा से मिलते हैं और बाबा उन्हें बताते हैं की वो कमर में जा रहा है और जब वो नूर को बुलाएगी तब तुम बच्ची को मेरे पास भेज देना और फिर थोड़े ही डर के बाद बाबा नूर को बुला लेट है नूर जैसे ही कमरे में जाति है तो यहां पर बाबा नूर से कहता है की तुम मेरी भक्ति बन जो पढ़ाई लिखी में कुछ नहीं रखा है बड़े-बड़े लोग मेरी पर की धूल चाटते हैं जिसके बाद बाबा ने नूर के कपड़े उतारे और उसके साथ बलात्कार की इस नरेंद्र बाबा को 16 साल की लड़की पर बिल्कुल भी तरस नहीं आया और ये सब कुछ नूर सोलंकी को रोटी हुए बता रही थी


और ये सब कुछ लिखने हुए सोलंकी के भी हाथ कम जाते हैं वो समझ जाता है की नूर के साथ किस तरह का उत्पीड़न हुआ आगे वो बताती है वो बाबा की कुटिया से बाहर निकली लेकिन उसने ये बात अपने परिवार वालों को नहीं बताई थी और फिर फाइनली उसने छह दोनों के बाद यह साड़ी बातें अपने पिता और अपनी मां को बताई थी की सुनने के बाद वो तुरंत ही पुलिस स्टेशन पहुंचकर फिर दर्ज कराई जिसके बाद सोलंकी नूर के परिवार वालों से कहता है की ये बहुत ही ज्यादा रेयर कैसे है और इसमें आपको बहुत कुछ झेलना पद सकता है आपके साथ बहुत बड़ी प्रॉब्लम्स ए शक्ति है लेकिन आपको मजबूत रहना होगा तभी आपको इंसाफ मिल सकेगा नूर के फैमिली वाले समझ जाते हैं की सोलंकी बहुत ही अच्छा इंसान है इसलिए नूर के पिता यहां पर सोलंकी से उसकी फीस पूछते हैं और सोलंकी की फीस होती है नूर के चेहरे की एक स्माइल तो सोलंकी ने यह कैसे टेकओवर कर लिया था जोधपुर के कोर्ट में यहां पर उसकी मुलाकात होती है शर्मा से जो की अपोजिशन वाला था तो यहां पर शर्मा जी जैसा आपसे कहते हैं की वो बाबा के ऊपर से ज्वाइनल की चार्ज हटा दें क्योंकि 13 अगस्त को जो कुछ भी हुआ था तब नूर 16 साल की नहीं बल्कि 18 साल की हो चुकी थी


और वो यहां पर दयानंद सागर स्कूल की एक मार्कशीट भी बताते हैं जिसमें की उसकी उम्र 1994 दिखाई जा रही थी मतलब मतलब की नूर जो है वह 18 साल की हो चुकी थी इसलिए शर्माजी जज साहब से ज्वाइन के चार्ज हटाने को कहते हैं तो यहां पर सोलंकी जब सांप से कहता है की जब कर सीट फाइल की गई थी तब सारे डॉक्यूमेंट सबमिट किया गए थे और रूल वाली ये कहता है की जब मेट्रो स्टेशन सर्टिफिकेट अगर हो तो किसी और सर्टिफिकेट की जरूर नहीं पड़ती यहां पर मैं आपको बता डन मैं ट्रिक रिलेशन साइड विकेट मतलब 10th की मार्कशीट होती है और आगे के लिए सबसे पहले प्राथमिकता जो होती है वो 10th की मार्कशीट की ही होती है तब बाबा की वाले को दिन कर दिया जाता है और एक बार फिर से उन्हें बेल नहीं मिलती है अब अगले दिन हमें मालूम चला है की इस कैसे को रामचंदवानी लड़ने वाले हैं जो की बहुत ही जाने-माने वकील है और अब्बू बाबा का कैसे लड़ेंगे और रामचंदानी जो होते हैं वो बहुत ही कम कैसे ए रहे हैं और सोलंकी और उसका जो असिस्टेंट बिट्टू होता है वो भी रामचंदवानी के बहुत बड़े फैन होते हैं जिसके बाद इस कैसे को जोधपुर के हाय कोर्ट में शिफ्ट कर दिया जाता है तो


कोर्ट में आते से ही रामचंदवानी जो है वो काउंटर अटैक करना शुरू कर देते हैं की जब फिर दर्ज की गई थी तब ये समाप्त हो चुका था जैसे की जब फिर दर्ज नहीं की गई थी उससे पहले ही लड़की का मेडिकल एग्जामिनेशन कर दिया गया था जो की पुरी तरह से इलीगल है तभी यहां पर सोलंकी उन्हें पोस्को के बड़े में बताता है जिसका मतलब होता है डी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम यौन ऑफेंस एक्ट के बाद निविया कैसे के बाद ये लागू हो गया था की फिर से पहले भी मेडिकल एग्जामिनेशन किया जा सकता है रामचंदवानी शायद यही सोच रहे थे की सोलंकी को पोस्को के बड़े में नहीं मालूम होगा लेकिन यहां पर हमारे सोलंकी जी ने सर होमवर्क करके आए थे और रामचंदवानी को ऐसा ही ग रहा था की वो शायद बाबा की बेल को कर लेंगे लेकिन एक बार वो फिर से नाकामयाब हुए और बाबा को इस बार फिर से बेल नहीं मिलती है आगे हम देखते हैं की सोलंकी सर को खरीदने की पहला अब जारी हो जाति है यहां पर कुछ लोग आते हैं जो की अपने बैग में 20 करोड़ भर कर लेकर आए थे वो यहां पर सोलंकी को खरीदना चाहते थे लेकिन सोलंकी उनसे कहता है की ना तो उसे कुछ चाहिए ना ही उसकी फैमिली वाले को कुछ चाहिए इसलिए तुम लोग यहां से जा सकते हो


लेकिन वो लोग नहीं जा रहे थे तब सोलंकी उन पर थोड़ा गुस्सा करता है और फिर बाद शहर के सब इंस्पेक्टर के पास कल कर देता है और यह देखने के बाद तो वो लोग तुरंत यहां से भाग जाते हैं अब आगे कोर्ट में हम कुछ और लोगों को देखते हैं जो की दोनों तरफ से गवाही देते हैं जिसमें कुछ स्कूल की टीचर्स शामिल थी तो कुछ लोकल लोग भी शामिल थे यही पर एक ऐसा आदमी भी था जो की बाबा के साथ 1995 से कम कर रहा था और वो यहां पर नूर के पक्ष में गवाही देता है वो ना बताता है की उसने बाबा को कई बार लड़कियों के साथ उल्टा सीधा करते हुए देखा है आगे नूर के पिता को कटघर में पेस किया जाता है जहां पर शर्मा जी उससे कुछ सवाल करते हैं यहां पर शर्मा जी नूर के पिता से कुछ ऐसे सवाल करते हैं जिन्हें सुनकर यहां पर नूर के पिता को बहुत ज्यादा गुस्सा ए जाता है और वो शर्मा जी के ऊपर भड़क उठाते हैं जिसके बाद नूर को कट घर में पेस किया जाता है यहां पर उसे सवाल करना शुरू होते हैं और यहां पर फिर से शर्मा जी नूर से बहुत ही गंदे तरीके से सवाल कर रहे थे पर सोलंकी ने नूर को पहले ही समझा दिया था की अभी शुरुआत है बाद में तुमसे पब्लिक के सामने गंदे गंदे तरह के सवाल किया जाएंगे और


उनके जवाब तो तुम्हे देना पड़ेगा तुम्हें स्ट्रांग रहना होगा ये साड़ी बातें याद करते हुए नूर यहां पर बेधड़क सारे सवालों के जवाब दे देती है आगे हम देखते हैं की बाबा का जो बेटा होता है उसके ऊपर भी उत्पीड़न के चार्ज ग जाते हैं और साथ में ने उसके ऊपर चार्ज लगाएं हुए थे कुछ लोग उसके पास जाते हैं और उसके मुंह पर तेज आप फेक कर उसकी जान ले लेते हैं ये साड़ी न्यूज़ सोलंकी जो है वो अगले दिन अखबार में पढ़ना है ये सब कुछ देखने के बाद सोलंकी समझ जाता है की जितने भी गवाह है वो सिर्फ नहीं है और वो भी कहानी ना कहानी सब नहीं है इसलिए तो जब सोलंकी अगले दिन कहानी पर जा रहा होता है तभी वो देखा है की उसके पीछे दो लोग लगे हुए हैं यहां पर सोलंकी चुपचाप यहां से चला जाता है थोड़ी दूर रुकता है उसके बाद वो अपने मोबाइल से एक मैसेज छोड़ना है और यहां से निकाल जाता है लेकिन तभी बोलोगे इनका जोरदार पीछे करने लगता हैं तो सोलंकी भी अपनी स्कूटर फूल रफ्तार से भागने लगता है और आगे जाकर हमें मालूम चला है की दरअसल में सोलंकी ने पुलिस को मैसेज किया था और फिर थोड़ी देर के बाद पुलिस यहां पर ए भी जाति है


लेकिन बोन बदमाशों को नहीं पकड़ पाती अब यहां से सोलंकी कोर्ट पहुंचता है जहां पर उसे मालूम चला है की गवाहों को थ्रेट मिल रही की अगर वो लोग कोर्ट में गवाही देंगे तो हम तुम्हारी पुरी की पुरी फैमिली को मार देंगे इस वजह से बहुत सारे गवाह जो है वो कोर्ट में नहीं ए पाते अब आगे हम नूर की स्कूल की टीचर को देख पाते हैं जो की कटघर में आई है और ये टीचर तबले होती है जब नूर नर्सरी में बड़ा करती थी यहां पर दरअसल में इन्होंने एक सर्टिफिकेट सबमिट किया है जिसमें की नूर की आगे जो है 18 साल की हो चुकी थी और उसकी डेट ऑफ एयर था 1994 और जो उन्होंने सर्टिफिकेट सबमिट किया था वो था फर्स्ट क्लास का पर यहां पर सोलंकी यह साबित कर देता है की यह सर्टिफिकेट फेक है वो उनसे कहता है की स्कूल के सारे सर्टिफिकेट के एविडेंस उसके पास है वो उन्हें बताता है की नर्सरी में नूर बहुत अच्छा बड़ा करती थी और नर्सरी के जीवन और क तू के परफॉर्मेंस को देखते हुए उसका प्रमोशन कर दिया गया था इसका मतलब ये है की वो फर्स्ट क्लास में नहीं बल्कि डायरेक्ट सेकंड क्लास में पहुंच गई थी


तो पर तुम लोगों के पास क्लास फर्स्ट की मार्कशीट कैसे पहुंचूं इस तरह से सोलंकी ने एक बार फिर से साबित कर दिया था की नूर की उम्र वह 18 साल से कम थी अब आगे हम देखते हैं की बाबा की गुंडे जो है वो शहर में दंगे कर रहे थे और वो गवाहों को चोट पहुंच रहे थे इसलिए शहर के ऑफिसर सोलंकी और उनके गवाहों को प्रोटेक्शन दे देते हैं जज्बात से सोलंकी भी मान जाता है और फिर अगले दिन सोलंकी के पीछे हमें कांस्टेबल को देख पाते हैं जो की हमेशा सोलंकी के साथ रहने लगा था जिसके पास सोलंकी अपने असिस्टेंट बिट्टू से कहता है की उसे वो इस कैसे से निकाल रहा है क्योंकि उसकी जान को भी खतरा है और वो कोई रिस्किल नहीं लेना चाहते इसलिए वो बिट्टू को इस कैसे से निकाल देता है जिसके बाद कोर्ट का सीन दिखाए जाता है जहां पर की इस कैसे को टेक ओवर करने के लिए आए थे वेंकटेश व स्वामी जो की पहले कानून मंत्री भी र चुके हैं यहां पर सोलंकी उनका बहुत बड़ा फैन था इसलिए वो उनसे बात करने के लिए आता है और उन्हें बताता है की नूर का कैसे बोल रहा है ये सुनने के बाद स्वामी उससे कहते हैं


तब यहां पर सोलंकी उनसे कहता है की उनके स्कूल से हॉस्पिटल से इसका मतलब यह नहीं है की उन्हें का रेप करने का परमिशन मिल जाए जिसके पास स्वामी दास साहब की बधाई करना शुरू कर देते हैं और यहां पर से पहले की वो किस पर आप आते के शुरू होने से पहले ही सोलंकी जो है वो इस कैसे को रॉक देता है वह उनसे कहता है की बाबा की तरफ से कोई ऐसे एप्लीकेशन नहीं आए की यहां पर स्वामी उनका कैसे टेकओवर कर रहे हैं और उनके पास 97 का एक ऐसा कैसे भी है जिसके बड़े में 10 आपको बताते हैं ये ऐसा पहले भी हो चुका है इसके बाद बाबा की एक बार फिर से बेल दिन हो जाति है अब आगे सोलंकी को हम एक कर में देख पाते हैं जो की ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ा हुआ था तभी इसके बाजू में दो लोग आते हैं वो सोलंकी को घर कर देख रहे थे और तभी अचानक से वो अपनी गण निकाल कर सोलंकी के ऊपर गोलियां चलाकर उसे जान से मार देते हैं लेकिन तभी हम देखते हैं की सोलंकी दरअसल इमेजिनेशन में खोया हुआ था और ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था अब आगे सुप्रीम कोर्ट का सीन दिखाए जाता है जहां पर की देर सारे वकील थे जो की बाबा के पक्ष में कैसे लाड रहे थे वो यहां पर कहते हैं की बाबा को एक बहुत ही गंभीर बीमारी है


और उसका इलाज जो है वो इंडिया में नहीं हो सकता इसलिए उनके ट्रीटमेंट के लिए उन्हें अमेरिका ले जाना होगा पर यहां पर सोलंकी उनसे कहता है की ऐसी कोई बीमारी नहीं है की जिसका इलाज इंडिया में ना हो सके चलो ठीक है उसे बीमारी का इलाज जो है वो इंडिया में नहीं हो सकता है लेकिन जो भी बाबा को गंभीर बीमारी हुई है उसकी कम से कम जांच तो इंडिया में हो शक्ति है तो बाबा को अब जो भी गंभीर बीमारी हुई थी उसके जांच के लिए बाबा को एग्जामिनेशन करने के लिए भेजो जाता है तो फाइनली बाबा की जान जो है वो कंप्लीट हो जाति है और यहां पर कोर्ट में सभी को मालूम चला है इधर चल मैं बाबा को ऐसी कोई गंभीर बीमारी है ही नहीं दरअसल में वकीलों का प्लेन यह था की वो किसी तरह से परमिशन ले ले और बाबा का ट्रीटमेंट करवाने के दौरान वो उसे अमेरिकन ले जाए और अगर एक बार अमेरिका बाबा चले जाते उसके बाद तो वो इंडिया कभी आते ही नहीं तो फिर एक बार फिर से बाबा की जेल मिल जाता है

ये देख कर बहुत अच्छा लगता है की बाबा को एक बार भी बेल नहीं मिली थी तो फाइनली अब दिन भी ए जाता है जब सभी को इस दिन का इंतजार था 2013 में शुरू हुआ था और अब 2018 में जजमेंट दे मतलब की लास्ट है रिंग तो के शुरू होता है और यहां पर शर्माजी हब्रोसिस करते हैं बाबा को बचाने की वो यहां पर कोर्ट के सामने बात करते हैं की बाबा एक बहुत बड़ा महापुरुष है उनके स्कूल से अस्पताल हैं उन्होंने इंडिया को क्या कुछ नहीं दिया और अगर उन्होंने कुछ गलती भी की है तो हमें उन्हें माफ कर देना चाहिए जिसके बाद स्पीच चालू होती है सोलंकी की सोलंकी यहां पर कोर्ट में एक है स्टोरी सुनता है वो उनसे कहता है की श्री राम ने रावण का वध किया था इसके बाद भी उसे मोक्ष प्राप्त नहीं हुआ था उसने सालों तक महादेव के सामने तपस्या की इसके बावजूद महादेव ने उन्हें माफ नहीं किया था यह देखकर पार्वती जी उनसे कहती है की आखिर यह इंसान इतनी तपस्या कर रहा है इसके बावजूद आप इसे माफ क्यों नहीं कर रहे जी पर महादेव उनसे कहते हैं की ये माफी के काबिल नहीं है महादेव अपनी पत्नी को बताते हैं की तीन तरह के पाप होते हैं एक होता है पाप जो की जान अनजाने में हो जाता है


दूसरा होता है अति पाप जिसमें चोरी चकरी गुंडागर्दी जैसे के साथ हैं तीसरा होता है मा पाप जिसमें बलात्कार और हत्या तक के जुर्म शामिल है पार्वती जी उनसे कहती है की जो रावण ने किया है वो तो अति पाप में आता है क्योंकि उन्होंने तो सीता जी का सिर्फ अपहरण किया था जी पर की महादेव उनसे कहते हैं ये जरूर अति पाप में ही आता लेकिन जब-जब रावण ने सीता जी का अपहरण रावण बनकर ही किया होता लेकिन उसने साधु का भेस धरण किया था जिसका प्रभाव संसार के सारे साधुत्व और सनातनियों पर सदियों तक रहेगा इसलिए इस इंसान को माफ नहीं किया जा सकता और यह जो इंसान बाबा है वो रावण है और इस इंसान को कटाई माफ नहीं किया जा सकता क्योंकि इसने गुरु भक्ति के साथ विश्वासघात किया है बच्चों के साथ विश्वास घाट किया है


और भगवान का नाम लेकर इंसानी सबको गुमराह कर विश्वास घाटी किया है इसलिए मैं चाहता हूं की इस इंसान को मौत की सजा दी जाए तब जज साहब यहां पर बाबा को एक जय में सजा सुनते हैं और मैं यहां पर जय में सजा सुनाना शुरू करते हैं और धीरे-धीरे करके वो सजा पहुंच जाति है उम्र कैद वैसे तो बाबा के ऊपर बहुत सारे चार्ज लगे हुए थे लेकिन यह कर सबसे बड़ा था तो बाबा को उम्र कैद की सजा मिलती है है और यह देखकर उनके आंखों में भी आंसू ए जाते हैं जो की सही भी है तो इस तरह से नूर को इंसाफ मिल जाता है हालांकि वो खुश तो नहीं थी लेकिन उसके अंदर का जो दुख था वो जरूर कम हुआ होगा तो इस तरह से सोलंकी ने एक बहुत बड़ी जीत हासिल की और महक सिर्फ नूर की एक छोटी सी स्माइल के खातिर उसने अपने पांच साल इस कैसे में लगा दिए और आखिरकार उसे सफलता मिल गई और इस फिल्म का एंड यही पर हो जाता है


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